साइकिल का आविष्कार कब और किसने किया था?

Cycle Ka Aavishkar : मित्र आप सभी लोग एक स्थल से दुसरे स्थल पर जाने के लिए किसी ना किसी वाहन का प्रयोग करते है। आज के ज़माने मे तो परिवहन काफी आगे चला गया है। लेकिन एक ज़माने मे साईकिल का बहुत इस्तेमाल होता था। साईकिल पहेले के ज़माने मे बहुत ही उपयोगी वाहन था। लेकिन क्या आप जानते है की साईकिल की खोज किसने की थी (Cycle Ka Avishkar Kisne Kiya) और कब खोज हुई थी? क्या आज जो साईकिल हम देखते है वैसी ही साईकिल पहेले भी थी?

आप साईकिल के बारे में थोडा बहुत तो जानते ही होंगे लेकिन आज में इस आर्टिकल के माध्यम से साईकिल के बारे में बहुत ही रोचक बाते बताने वाला हु तो आप इस आर्टिकल को अंत तक पढिये।

साइकिल का आविष्कार कैसे और किसने किया ? | Cycle Ka Avishkar Kisne Kiya

Karl Freiherr von Drais ने सन 1815 में परिवहन की एक बड़ी समस्या का समाधान करते हुए साइकिल का आविष्कार किया। Cycle In Hindi Name : साईकिल को हिंदी में “द्विचक्र वाहिनी” कहते है।

Cycle Ki Khoj Kisne Ki Thi : वास्तव में, सन 1815 की साल मे इंडोनेशिया के Mount Tambora ज्वालामुखी फटा और उस ज्वालामुखी की राख के बादल परे विश्व में फैल गए और वैश्विक तापमान में बहुत ही भारी गिरावट आई। यह तापमान में गिरावट आने कारण उत्तरी गोलार्ध के देशों में खेत में बोई हुई सारी फसलें पूरी तरह से (बर्बाद नष्ट) हो गईं। लाखों करोडो मवेशी, घोड़े, बकरिया और कई पालतु जानवर भूख के कारण मर गए। उस समय परिवहन और परिवहन के साधन के रूप में केवल जानवरों का ही उपयोग किया जाता था। तो जब ये जानवर मर गए, तो जानवर की तूट होने लगी तभी कार्ल वॉन ड्रैस ने सोचा और साइकिल का आविष्कार किया।

शुरुआत में साइकिल पूरी की पूरी लकड़ी से बनाई गई थी। उस लकड़ी की साईकिल का वजन 23 किलो था। उसमें न तो पेडल थे न तो चैन बस उसे चलाने के लिए उस पर बैठ आदमी अपने पैरों से विपरीत दिशा में धकेलता था ताकि साईकिल आगे की तरफ चले। 12 जून, 1817 को Karl von Drais ने पहली बार जर्मनी के दो शहर रिनाउ और मैनहेम में जनता के सामने साईकिल का प्रदर्शन किया था।

साईकिल की प्रगति के क्षेत्र में 1820 तक यह साईकिलने लोगों में कुतूहलता बनाये रखा, लेकिन कई साल तक साईकिल के क्षेत्र में कोई विकास नहीं हुआ। फिर सन 1836 के बाद, कई वैज्ञानिको ने कई तरह के सुधार और डिजाइन के साथ व्यावसायिक मूल्य पर साइकिल बनाना शुरू किया जिनकी वजह से साईकिल वाहन बहुत ही लोकप्रिय बन गया।

Karl von Drais ने जो साईकिल बनाई थी वह पैंडल के बिना थी, उस साईकिल को धक्का देकर चलाना पड़ता था। लेकिन पैंडल वाली साइकिल का सबसे पहले अविष्‍कार फ्रांस के एक मैकेनिक Pierre lellement ने किया था। उस साईकिल में आगे की व्हील [आर पैंडल रहता था और पैंडल की मदद से साईकिल को आगे चलाया जा सकता था।

लेकिन साईकिल पहिया और चेन की कनेक्ट में रहकर साईकिल आगे चलती हैं, इस तरह की साईकिल का अविष्कार जॉन कैंप ने किया था।

साइकिल का आविष्कार कब हुआ?

दो पहिए वाली साईकिल जिसमे पैडल नहीं था वो साईकिल थी, बिना पैडल की लकड़ी की साईकिल का आविष्कार सबसे पहेले 12 जून 1817 में Karl von Drais ने किया था। इस साइकिल को बनाने के बाद Karl von Drais ने साइकिल को 7 किलोमीटर तक चलाया था जिसे पूरा करने में 1 घंटे का समय लग गया था।

पहले जो साइकिल बनाई गई थी वो बिना पैंडल की थी लेकिन सबसे पहले पैंडल वाली साईकिल सन 1863 में पियरे लालीमेंट (Pierre lellement) ने बनाई थी। इस साईकिल में आगे के पहिए में पैंडल होता था।

लेकिन 1885 में जो साईकिल बानाई गई थी वो वर्तमान समय में चलने वाली साइकिल है। इसमें दोनों पहिए के बीच में पैंडल के साथ चेन को जोड़कर बनाया गया था। इस साईकिल का आविष्कार ओलिवियर बंधुओं ने मिलकर सन 1867 में किया गया था।इस साईकिल की डिमांड बाजारों में चल पड़ी और इस साईकिल की बिक्री भी बहुत ज्यादा होने लगी थी।

औरतों और बच्चों के लिए साइकिल

सन 1890 के समय में सबसे पहेले औरतों और लड़कियों के लिए भी साइकिल का आविष्कार हुआ। इस साइकिल को इस तरह से बनाया गया था कि उस पर सवार होने वाली औरते को उस पर चढ़ने में कोए दिक्कत ना हो। क्योकि उनके कपडे, dresses और skirts साइकिल में फंसने का डर ना हो। वैसे ही सन 1920 में बच्चों की साइकिल भी बनाने का काम शुरु कर दिया। 

भारत में साइकिल का इतिहास

भारत में सबसे पहले साईकिल अंग्रेज सन 1910 में लाए थे। अंग्रेजों ने इंग्लैंड से भारत में 35000 साईकिल को बेचा था। इसके बाद जैसे-जैसे समय बढ़ता गया वैसे साइकिल की मांग बढ़ती गई उस हिसाब से अंग्रेजोने इंग्लैंड से साईकिलो को लाकर भारत में बेचने लगे। सन 1942 के समय में भारत में सबसे पहले साईकिल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। सबसे पहेले मुंबई में “हिंद साइकिल” नाम की कंपनी ने साइकिल बनाने का निर्माण कार्य शुरू किया था।

साइकिल के अलग अलग प्रकारे ?

मित्रो आपने साईकिल के इतिहास और आविष्कार के बारे में सबकुछ जानकारी प्राप्त कर ली है, लेकिन क्या आपको पता है की साईकिल कितने प्रकार की होती है? अगर नहीं तो हम आपको बताते है, साईकिल मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है, MTB Cycle, Hybrid Cycle और Road Cycle तो चलिए जानते है इस तीनो के बारे मे।

1.MTB Cycle

MTB Cycle मोटे टायर वाली होती है। इस साईकिल का उपयोग उबड़-खाबड़ रस्ते और पहाड़ो में चलाने के लिए किया जाता है। इस साईकिल में फ्रंट में डिस्क ब्रेक और स्लीपिंग के साथ आती है। जिससे पहाड़ों वाले रास्ते में ब्रेक लगाने में कोई समस्या न हो। आजकल की साइकिलों में हाइड्रोलिक ब्रेक भी आने लगे हैं लेकिन वो साईकिल महेंगी होती है। यह साईकिल की कीमत 12,501 से 15,499 तक के बिच में आ जाती है।

2.Hybrid Cycle

Hybrid Cycle को On Road और Of Road में चलाया जा सकता है, लेकिन उबड़-खाबड़ रास्ते पर इसके रिम्स के मुड़ने का भय रहता है। लेकिन Hybrid साइकिल MTB Cycle की तुलना में ज्यादा टाकाऊ और तेज चलती है। Hybrid साइकिलें काफी महंगी होती है, अगर आप किसी अच्छी कंपनी की Hybrid साइकिल खरीदते है तो यह आपको 10,000 से 27,000 तक की हो सकती है।

3.Road Cycle

Road Cycle के टायर बहुत ही पतले है, यह साइकिल सड़क पर ही चलत सकती है, इसलिए इन्हें सिटी या रोड साईकिल भी कहा जाता है। यह साईकिल काफी पतली होने की वजह से यह साइकिल उबड़-खाबड़ रास्ते पर नहीं चल सकती। इस साइकिल का उपयोग ज्यादातर रेसर्स के द्वारा होता हैं। यह साईकिल बहुत पतली और वजन में हल्की होने की वजह से यह बहुत तेज गति से चलती है। साथ साथ साइकिलें बहुत महंगी भी होती हैं, इसकी कीमत करीब 25,000 से 35,000 की होती है और इसे भी काफी महेंगी होकर ढाई लाख पहोंच जाती है।

FAQs :- इंटरनेट पर पूछे जाने वाले सवाल

साइकिल का आविष्कार किसने किया था?

जवाब :- साइकिल का आविष्कार सबसे पहेले जर्मन आविष्कारक कार्ल वॉन ड्रैस ने किया था।

भारत में साइकिल का आविष्कार कब हुआ?

जवाब :- भारत में साइकिल का आविष्कार कब सन 1942 में हुआ।

साइकिल के कितने प्रकार है?

जवाब :- मुख्यत्वे साईकिल के तिन प्रकार है 1.MTB Cycle, 2.Hybrid Cycle और 3.Road Cycle

औरतों और बच्चों के लिए साइकिल का आविष्कार कब हुआ?

जवाब :- औरतों के की साईकिल का आविष्कार सन 1890 में और बच्चों के लिए 1920 में साईकिल का आविष्कार हुआ।

साइकिल का हिंदी नाम क्या है?

जवाब :- साइकिल का हिंदी नाम द्विचक्र वाहिनी‘ है।

साइकिल का आविष्कार कहा हुआ था?

साइकिल का आविष्कार जर्मनी के मैनहेम शहर में हुआ था।

तो मित्रो, आपने साईकिल के बारे इतिहास से लेकर साईकिल के प्रकारों तक सब कुछ जानकारी प्राप्त की, इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपके लिए साईकिल के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने का प्रयत्न किया, अगर आपको हमारा ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आपके मित्र को भी शेर कीजिए और उसे भी इस माहिती से सूचित कराये।

Leave a Comment