हर किसान को मिलेगा 1 लाख रुपये का अनुदान, सिंचाई के लिये खेत में खुदवायें तालाब
हर किसान को मिलेगा 1 लाख रुपये का अनुदान, सिंचाई के लिये खेत में खुदवायें तालाब
मानसून के आगाज़ के साथ ही भारत में खरीफ फसलों की खेती (Kharif Crop Cultivation)
मानसून के आगाज़ के साथ ही भारत में खरीफ फसलों की खेती (Kharif Crop Cultivation)
का काम शुरु हो चुका है. पानी की कमी के कारण कुछ राज्य खेती के लिये पूरी तरह से बारिश (Rain Based Farming) पर निर्भर हैं.
का काम शुरु हो चुका है. पानी की कमी के कारण कुछ राज्य खेती के लिये पूरी तरह से बारिश (Rain Based Farming) पर निर्भर हैं.
तो कुछ राज्यों में धरती में जल स्तर(Gound Water) गिरता जा रहा है. ऐसी स्थिति में 'खेत तालाब योजना'(Khet Talab Yojna)
तो कुछ राज्यों में धरती में जल स्तर(Gound Water) गिरता जा रहा है. ऐसी स्थिति में 'खेत तालाब योजना'(Khet Talab Yojna)
किसानों के लिये मसीहा बन रही है. ये योजना उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government)
किसानों के लिये मसीहा बन रही है. ये योजना उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government)
द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने और खर्च कम करने के नजरिये से चलाई जा रही है. 'खेत तालाब
द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने और खर्च कम करने के नजरिये से चलाई जा रही है. 'खेत तालाब
योजना' का उद्देश्य बारिश का पानी इकट्ठा (Rainwater Harvesting) करके खेती में सिंचाई(Irrigation)
योजना' का उद्देश्य बारिश का पानी इकट्ठा (Rainwater Harvesting) करके खेती में सिंचाई(Irrigation)
को आसान बनाना है, जिसके लिये किसानों खेत में ही तालाब खुदवाने (Pond Making) के लिये 50% सब्सिडी दी जा रही है.
को आसान बनाना है, जिसके लिये किसानों खेत में ही तालाब खुदवाने (Pond Making) के लिये 50% सब्सिडी दी जा रही है.
धरती में पानी का स्तर कम होता जा रहा है, जिसके चलते किसानों को सिंचाई साधनों पर काफी खर्च करना पड़ रहा है.
धरती में पानी का स्तर कम होता जा रहा है, जिसके चलते किसानों को सिंचाई साधनों पर काफी खर्च करना पड़ रहा है.
इसी खर्च के बोझ को कम करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्षा जल संचयन यानी बारिश का पानी जमा करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है.
इसी खर्च के बोझ को कम करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्षा जल संचयन यानी बारिश का पानी जमा करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है.